Monday, July 16, 2012

सेवानिवृत्ति लाभ में रोड़ा

धनबाद जिले के करीब 300 सेवानिवृत्त शिक्षकों को सेवानिवृत्ति लाभ का भुगतान नहीं हो पाया है। शिक्षक विभाग और सर्वशिक्षा अभियान का चक्कर काट रहे हैं। इस मामले को लेकर शिक्षक संगठनों ने भी डीएसई के सामने अपनी फरियाद की है। क्या है मामला : सेवानिवृत्त होने के बाद संबंधित राशि प्राप्त करने के लिए शिक्षकों को सर्वशिक्षा अभियान, ग्राम शिक्षा समिति, बीईईओ, सीआरसी और स्कूल प्रबंधन कमेटी से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना पड़ता है। यह अनापत्ति प्रमाणपत्र स्कूल निर्माण कार्य पूरा करने के एवज में लिया जाता है। इधर, जिन स्कूल भवनों का निर्माण हुआ है उसकी न तो मापी पुस्तिका तैयार है और न ही वह भरी गयी है। इसलिए उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है। मापी पुस्तिका भरने का कार्य कनीय या सहायक अभियंता स्तर पर होना है। क्या कहते हैं शिक्षक : सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक विश्वनाथ चौरसिया और संकरी चक्रवर्ती ने बताया कि स्कूल में रहते हुए उन्होंने समय पर सिविल कार्य पूरा किया, लेकिन मापी पुस्तिका नहीं भरे जाने के कारण रिटायरमेंट के बाद भी विभागीय चक्कर लगाना पड़ रहा है। शिक्षक संगठनों की फरियाद : विभिन्न शिक्षक संगठनों ने डीएसई से मुलाकात कर सेवानिवृत्त शिक्षकों को लाभ दिलाने की मांग की है। झारखंड अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के राज्य सचिव विनोद सिंह ने सेवानिवृत्ति कोषांग बनाने की मांग करते हुए मापी पुस्तिका समय पर भरने की बात कही।

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