Saturday, July 14, 2012

कितना टैलेंटेड हैं बच्चे जानेंगे मम्मी-पापा

धनबाद : अभिभावकों को अक्सर ऐसी शिकायत रहती है कि बच्चा पढ़ने-लिखने में कमजोर है। कोचिंग को विकल्प के तौर पर ढूंढ़कर अभिभावक अपनी जिम्मेवारियों की इतिश्री कर लेते हैं। पर क्या वाकई कोचिंग से बच्चा मेधावी बन जाता है। वैज्ञानिक शोधों के अनुसार बच्चे के टैलेंडेट होने के लिए शिक्षक के साथ-साथ अभिभावक की भी अहम भागीदारी रहती है। इन बातों को केन्दि्रत कर ही स्वयंसेवी संगठन व्हीजमंत्र ने पीटीपी मॉडल की रूपरेखा तय की है। पीटीपी यानी पेरेंट्स टीचर्स पार्टीशिपेशन यानी बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास में अभिभावक और शिक्षक की भागीदारी को ध्यान में रखकर मॉडल विकसित की गई है। व्हीजमंत्र से जुड़े प्रशांत पाठक, शंख लाहिड़ी, सुचरिता मुखर्जी व अभिषेक चक्रवर्ती ने शिक्षा के क्षेत्र के बदलाव लाने के उद्देश्य से इस मॉडल को तैयार किया है। सर्वे के अनुसार बच्चे के परीक्षा परिणाम से ही अभिभावक उसके टैलेंट का अंदाजा लगाते हैं। ऐसे में अगर बच्चा 99 अंक लाया, तो टैलेंटेड है। पर अगर अंक कम हैं, तो ऐसे बच्चों के अभिभावक चिंतित रहते हैं। पीटीपी मॉडल अभिभावक व बच्चे के बीच की दूरी को कम करने के लिए काम करेगा। व्हीजमंत्र के इस मॉडल को एक्सएलआरआइ ने भी सराहा है।

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