Saturday, July 14, 2012

हाईटेक होगा सिग्नलिंग सिस्टम

धनबाद भारतीय रेल की सिग्नलिंग प्रणाली को हाईटेक करने की कवायद के तहत हावड़ा-दिल्ली रेलखंड के ग्रैंड कॉर्ड सेक्शन को अत्याधुनिक सिग्नलिंग तकनीक ब्लॉक प्रॉवीन एक्सेल काउंटर से जोड़ा गया है। ग्रैंड कॉर्ड के 38 में से दस ब्लॉक सेक्शन को इस उपकरण से लैस कर दिया गया है। इनमें चौधरीबांध-कर्माबांध, हजारीबाग रोड-गरिया विहार, परसाबाद-दसरा समेत अन्य रेलखंड शामिल हैं। इस यंत्र से सिग्नल से जुड़ी तमाम परेशानियों से निजात मिल जाएगी। चालू्र वित्त वर्ष के अंत तक प्रधानखंता-मानपुर रेलखंड में भी इस उपकरण को लगा दिया जाएगा, जिससे दुर्घटनारहित रेलयात्रा का सपना साकार हो सकेगा। ब्लॉक प्रॉवीन एक्सेल काउंटर तकनीक : स्टेशन मास्टर केबिन और रेलवे टै्रक में इस उपकरण को लगाया गया है। अप और डाउन लाइन में एक्सेल काउंटर लगाए गए हैं। यह यंत्र ट्रेन के पहियों को गिनता है। एक स्टेशन से खुलनेवाली ट्रेन के सारे पहिए दूसरे स्टेशन तक पहुंचे या नहीं, इसकी जानकारी इससे मिल जाती है। अगर कपलिंग टूटने से कोई कोच रास्ते में रह गया तो उपकरण सिग्नल देना शुरू कर देता है। एक टै्रक पर दो ट्रेन की संभावना भी कम हो गयी है। क्योंकि अगर ऐसा हुआ, तो उपकरण से सिग्नल मिलने लगता है। चौबे-चिचाकी के बीच पैनल इंटरलॉकिंग : सिग्नलिंग सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए ग्रैंड कॉर्ड के चिचाकी-चौबे रेलखंड पर पैनल इंटरलॉकिंग को मंजूरी दी गयी है। इस रेलखंड पर इंटरलॉकिंग कई दशक पुरानी है जिसे इस वर्ष अपग्रेड किया जा रहा है। आधुनिक संरक्षा नियमों के अनुसार पैनल इंटरलॉकिंग को पूरा किया जाएगा जिससे दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी आएगी। इसके अलावा ट्रेनों की समयबद्धता भी बनी रहेगी।

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