आर्थिक सुधारों को देंगे रफ्तार : मनमोहन सिंह
अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए पांच हम मुद्दे : पीएम
इस बयान से नकारात्मक धारणा दूर होगी : उद्योग मंडलइंश्योरेंस इंडस्ट्री और म्यूचुअल फंड को बढ़ावा देना बहुत जरूरी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधारों पर काम तेज करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री और म्यूचुअल फंड को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। साथ ही सरकार के खर्च को काबू में करने को भी उन्होंने बहुत जरूरी बताया है। मनमोहन सिंह ने कहा कि वित्तीय घाटे को काबू करने को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं जीएएआर जैसे मामलों के बाद टैक्स मुद्दों पर हाल में उठे विवादों पर भी प्रधानमंत्री ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि टैक्स मामलों में किसी तरह की मनमानी नहीं होगी। प्रधानमंत्री ने एक बार फिर कहा है कि वह देश में कारोबार का माहौल और बेहतर बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए वह 5 अहम मुद्दों पर काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कारोबारी प्रस्तावों को गंभीरता से लिया जाएगा और सरकार की तरफ से जल्द जवाब देने पर काम किया जाएगा। हालांकि, फैसलों में हुई देरी पर सफाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ अहम फैसलों में राजनीतिक सहमति जरूरी है।
: यह संकेत देने के लिए कर मामलों में पूर्ण स्पष्टता लाना कि भारत सभी के साथ निष्पक्ष एवं उचित तरीके से पेश आता है।
: सहमति वाले उपायों के साथ राजकोषीय घाटे को कम करना।
: सोने के अलावा नए बचत विकल्प खोलने के लिए म्यूचुअल फंड और बीमा उद्योग में फिर से जान डालना।
: विदेशी निवेश से संबंधित सभी प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी देना और भारत को अधिक व्यापार अनुकूल देश बनाना।
: निजी-सार्वजनिक साझेदारी के माध्यम से रेलवे सहित बुनियादी ढांचा विकास को बढ़ावा देना।
नई दिल्ली: देश के प्रमुख उद्योग संगठनों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भारतीय अर्थव्यवस्था पर दिए बयान की सराहना करते हुए कहा है कि इससे बाजार में बनी नकारात्मक धारणा दूर होगी। डॉ. सिंह ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की कहानी जारी रहेगी और सरकार आॢथक एजेंडे पर काम करती रहेगी। भारतीय उद्योग एवं वाणिज्य मंडल क्रएसोचैमञ्ज के अध्यक्ष आर एन धूत ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बने पांच क्षेत्रों का चयन करके प्रधानमंत्री ने सराहनीय कदम उठाया है। इन क्षेत्रों पर काम करने से राजकोषीय घाटा कम होगा। उन्होंने कहा कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के प्रस्तावों का अनुमोदन करने से यह संकेत जायेगा कि भारत निवेश के लिए आकर्षक और सुरक्षित जगह है। श्री धूत ने सुझाव दिया कि घोषित की गईं सभी परियोजनाओं को तय सीमा के भीतर पूरा करने की निगरानी प्रधानमंत्री कार्यालय को संभालनी चाहिए।
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