Thursday, July 19, 2012

बेटों को ले भागा पति, भाई ने दी मुखाग्नि

धनबाद : मटकुरिया शमशान घाट में बुधवार को सोनी देवी की चिता तो सजी, परंतु अपने बेटे के लिए उसे चार घंटे तक इंतजार करना पड़ा। सोनी देवी के घर वाले दाह संस्कार के लिए थाने का चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें कानून समझाती रही। अंतत: उसके दोनों मासूम बच्चों की गैरहाजिरी में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। विकास नगर निवासी मिथिलेश प्रसाद की बेटी सोनी की मौत इलाज के दौरान चास थाना क्षेत्र स्थित मुस्कान अस्पताल में हो गई। घरवालों ने कहा कि छह साल पूर्व उसकी शादी धैया निवासी अनिल सिंह के साथ हुई थी। इसी महीने 13 तारीख को सोनी अपने भतीजे के बर्थडे में विकास नगर गई थी, लेकिन उसका पति जबरन उसे ले गया। दूसरे दिन ही खबर मिली कि उसे जालान अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोनी के घरवालों का आरोप है कि उसे जहर पिला दिया गया था। बेहतर इलाज के लिए सोनी को चास रेफर कर दिया गया जहां मंगलवार की रात उसकी मौत हो गई। बताते हैं कि उसकी मौत के बाद अनिल व उसके ससुराल वाले उसके दोनों बेटों को लेकर फरार हो गए। चास थाने में दर्ज फर्द बयान में परिजनों ने ससुराल वालों पर जहर पिलाकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाया है। पोस्टमार्टम कराकर सोनी का शव यहां लाया गया। अंतिम संस्कार के लिए उसे मटकुरिया ले जाया गया। मुखाग्नि देने के लिए सोनी के बेटों को तलाशा गया। लेकिन दोनों बेटे घर पर भी नहीं थे। कुछ लोग बैंक मोड़ थाना गए तो वहां कहा गया कि मामला धनबाद थाना क्षेत्र का है, वहां चले जाइए। जब लोग सदर थाना पहुंचे तो कानून का हवाला देकर कहा गया कि मामले का फर्दबयान यहां नहीं पहुंचा है, पुलिस कुछ नहीं कर सकती। अंतत: सोनी के बड़े भाई ने मुखाग्नि दी। पुलिस के रवैये से लोगों में नाराजगी है।

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