Friday, July 27, 2012

इस्तीफा वापस नहीं तो चुनाव ही विकल्प

धनबाद सूबे के सबसे समृद्ध धनबाद बार एसो. के सामने संवैधानिक संकट की स्थिति है। यह संकट उसके तीनों शीर्ष निर्वाचित पदाधिकारियों अध्यक्ष, महासचिव एवं कोषाध्यक्ष के इस्तीफे के कारण पैदा हुआ है जिसे दूर करने के लिए स्टेट बार काउंसिल को हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। तीनों पदाधिकारियों ने अगर अपना इस्तीफा वापस ले लिया तो ठीक, वरना अन्य विकल्प तलाशने में काउंसिल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। इसका समाधान माडल रुल्स के तहत करना है, परंतु परेशानी यह है कि धनबाद के मामले में माडल रुल्स का स्पष्ट निर्देश नहीं है। काउंसिल चेयरमैन ने यहां आ रही तीन सदस्यीय टीम के मुखिया बालेश्वर सिंह को माडर्न रुल्स की कापी भी भेजी है ताकि उसके आधार पर कमेटी अपनी रिपोर्ट दे सके। कोषाध्यक्ष पद के कारण फंसेगा पदोन्नति का मामला : किसी पदाधिकारी के इस्तीफा देने पर दूसरे नंबर के पदाधिकारी को प्रोन्नति देकर उस पद पर बिठाने का प्रावधान है, परंतु यहां कोषाध्यक्ष पद के कारण पेंच फंस रहा है। अध्यक्ष की जगह वरीय उपाध्यक्ष एवं महासचिव के स्थान पर संयुक्त सचिव को बिठाया जा सकता है। लेकिन कोषाध्यक्ष का एक ही पद है। इस कारण उस पद पर किसी अन्य को बैठाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसी स्थिति में काउंसिल के पास चुनाव ही एकमात्र विकल्प बचेगा। पूरी कमेटी या खाली पदों पर ही होगा चुनाव : काउंसिल इस दुविधा में है कि अगर पदाधिकारियों ने इस्तीफा वापस नहीं लिया तो पूरी कमेटी का चुनाव कराया जाए या फिर सिर्फ खाली हुए पदों का। हालांकि कुछ सदस्यों कह रहे हैं कि पूरी कमेटी ने जब इस्तीफा नहीं दिया तो सभी को चुनाव में झोंकने का कोई तुक नहीं है।

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