Thursday, July 19, 2012

बीसीसीएल की 50 खदानों को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी

धनबाद : केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को अभूतपूर्व कदम उठाते हुए एक झटके में बीसीसीएल की 44 कोलियरियों की पर्यावरण प्रबंधन योजना(ईएमपी) को अपनी अंतिम मंजूरी दे दी। ये कोलियरियां 6 क्लस्टरों के अंतर्गत हैं। इससे पहले 2 कलस्टरों की करीब 6 कोलियरियों को यह मंजूरी मिल चुकी है। इस तरह कंपनी के 17 कलस्टरों में शामिल कुल 103 कोलियरियों में से 50 को पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिल चुकी है। मालूम हो क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कंपनी की करीब 66 कोलियरियों को बंद करने का पूर्व में आदेश दिया गया था। बाद में रांची हाईकोर्ट ने अलग-अलग सुनवाई में इस पर अंतरिम स्थगनादेश जारी करते हुए कंपनी को यथाशीघ्र मंत्रालय से जरूरी मंजूरी लेने का आदेश दिया था। सीएमडी टीके लाहिड़ी व तकनीकी निदेशक (ऑपरेशन) डीसी झा ने बताया कि वीपी राजा की अध्यक्षता में मंत्रालय की एक्सपर्ट एप्रेजल कमेटी ने मंगलवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में यह मंजूरी दी। अभी एक-एक कलस्टर के लिए मंजूरी में कई-कई महीने लगते थे। कमेटी ने कंपनी द्वारा पेश पर्यावरण प्रबंधन योजना की सराहना करते हुए एक साथ पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मंजूरी दी। चार और कलस्टरों की कोलियरियों का इएमपी मंत्रालय को जमा किया जा चुका है। अगस्त में इसकी भी स्वीकृति की आशा है। तीन कलस्टर का ड्राफ्ट ईएमपी बनाया जा चुका है। इसमें जन सुनवाई होना बाकी। शेष दो कलस्टर कपूरिया व सीवी एरिया के लिए मंजूरी लेने में अभी कुछ माह और लगेंगे। अभी तक की प्रगति रिपोर्ट इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हाईकोर्ट में पेश की जाएगी। यहां उल्लेखनीय है कि कोयला खदानों के राष्ट्रीयकरण के समय इन खदानों के ईएमपी नहीं बने थे। बाद में बने कानून के आधार पर यह जरूरी कर दिया गया। सीएमडी टीके लाहिड़ी के पदभार संभालने के बाद पहली बार इस दिशा में तेजी से कार्रवाई हुई। उनके दिशानिर्देश में तकनीकी निदेशक व पर्यावरण विभाग ने युद्धस्तर पर मंजूरी की प्रक्रिया शुरू की।

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