Wednesday, June 27, 2012

स्पेशल सपने दिखाए फिर तोड़ दिए

धनबाद वर्ष 2011 में जब झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से आयोजित मैट्रिक परीक्षा का परिणाम खराब आया तो राज्य सरकार और शिक्षा विभाग नींद से जागा। बड़े ही जोर-शोर के साथ 9वीं-10वीं के छात्रों को स्पेशल कोचिंग देने का फैसला किया गया। जुलाई 2011 से जनवरी 2012 के बीच छात्रों को स्पेशल कोचिंग देने का फैसला हुआ ताकि 2012 का मैट्रिक परिणाम बेहतर हो सके। इसके लिए आरएमएसए के तहत लाखों रुपए का फंड भी जारी हुआ। डीईओ कार्यालय ने प्रखंडवार कमजोर छात्रों की संख्या एकत्रित की और 9वीं के 9391 और 10वीं के 10313 छात्रों की सूची विभाग को सौंप दी लेकिन इन बीस हजार छात्रों को स्पेशल कोचिंग नहीं मिल सकी। नतीजा यह निकला कि इस वर्ष मैट्रिक परिणाम में धनबाद 15वें स्थान से खिसककर 17वें पायदान पर पहुंच गया। यह था स्वरूप : एक कक्षा के लिए एक घंटे का समय निर्धारित किया गया था। 30-30 विद्यार्थियों के ग्रुप को 256 शिक्षक स्पेशल कोचिंग देते। स्पेशल कोचिंग में तीन विषयों-गणित, विज्ञान व अंग्रेजी के बीस-बीस पीरियड विद्यार्थियों को दिए जाने थे। इस वर्ष के परिणाम में सबसे खराब प्रदर्शन इन्हीं विषयों में रहा है।

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