Friday, July 20, 2012

बैलेट बॉक्स सील, आज जाएगा दिल्ली

सत्ताधारी दलों में दिखीं गठबंधन की दरारें
मतदान समाप्त होने के बाद भाजपा, झामुमो, आजसू और जदयू के तेवर हुए तल्ख
राष्ट्रपति चुनावत्नमाले के विनोद सिंह के अलावा सभी विधायकों ने डाले वोट, मुख्यमंत्री मुंडा ने भी किया मतदान
राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड विधानसभा स्थित मतदान केंद्र पर गुरुवार को 80 विधायकों और एक सांसद ने मतदान किया। माले विधायक विनोद सिंह ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। शाम पांच बजे के बाद बैलेट बॉक्स को सील कर दिया गया। मतगणना के लिए शुक्रवार को पहले विमान से इसे दिल्ली भेजा जाएगा। प्रतिपक्ष के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने पहला वोट डाला, जबकि जदयू विधायक सुधा चौधरी ने सबसे अंत में मतदान किया।
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में घायल मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा घटना के बाद पहली बार बाहर निकले और मतदान में हिस्सा लिया। वे 11.05 बजे विधानसभा पहुंचे। वाकर की सहायता से चलते हुए अपने चैंबर गए। आधा घंटा वहां बैठकर पार्टी के विधायकों एवं अन्य लोगों से बातचीत की और 11.35 बजे वोट देने पहुंचे। मतदान के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम ने कहा कि अब उनकी शारीरिक स्थिति काफी बेहतर है। सरकारी कामकाज को जल्द ही गति देंगे। इधर, राज्यसभा सांसद परिमल नथवाणी ने गुजरात विधानसभा में अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान संपन्न हो गया। पर इसके फौरन बाद ही सत्ताधारी गठबंधन दलों भाजपा, झामुमो, आजसू व जदयू का आपसी विवाद और गहरा गया। नेताओं के तेवर तल्ख हुए। बीच-बचाव की राह की तलाश भी होने लगी।

भाजपा के प्रदेश प्रभारी हरेंद्र प्रताप और पूर्व उपमुख्यमंत्री रघुवर दास ने पहली बार स्वीकार किया कि झामुमो के साथ हुआ गठबंधन समय की आवश्यकता थी। यह गठबंधन नीतियों पर आधारित नहीं है। रघुवर ने कहा कि भाजपा को इस पर विचार करना चाहिए कि आवश्यकता पडऩे पर उसके सहयोगी साथ क्यों छोड़ जाते हैं। इधर, झामुमो की ओर से उपमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तथा आजसू की ओर से सुदेश महतो ने भाजपा नेताओं के बयानों पर आपत्ति की और भाजपा को नसीहत दी कि कुछ बातें जनता के बीच होने के बजाए पार्टी फोरम पर ही हों तो बेहतर हैं। सुदेश महतो ने कहा कि वह भाजपा नेताओं से अनुरोध करेंगे कि ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए, जिससे गठबंधन की सेहत पर असर पड़े। उल्लेखनीय है कि पिछली बार भाजपा-झामुमो गठबंधन की सरकार केवल इस मुद्दे पर गिर गई थी कि यहां भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने वाले झामुमो ने केंद्र में यूपीए के पक्ष में मतदान कर दिया था। अब राष्ट्रपति चुनाव में एक बार फिर वही स्थिति बनी है। भाजपा का संकट यह है कि झामुमो तो झामुमो इस बार उसके सहयोगी आजसू और जदयू ने भी भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा के समर्थन के बजाए कांग्रेस समर्थित प्रणब मुखर्जी के पक्ष में मतदान करने का दावा किया है। राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा यहां अलग-थलग पड़ी और केवल इसी प्रयास में पूरी ताकत झोंकती रही कि उसके अपने १८ विधायक एकजुट रहें। झामुमो ने न केवल प्रणब मुखर्जी का समर्थन किया, बल्कि भाजपा को चुनौती भी दे दी है कि झामुमो ने अपना निर्णय ले लिया है। पिछली बार की तरह इस बार भी भाजपा कोई निर्णय लेना चाहती है, तो वह स्वतंत्र है। ऐसे में राष्ट्रपति चुनाव भले ही समाप्त हो गया हो पर भाजपा की मुश्किलों का समाधान अभी शेष है।

विचार-विमर्श करते मधु कोड़ा और गीता कोड़ा।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए हुए मतदान के बाद बैलेट बॉक्स ले जाते मतदानकर्मी।
हम गठबंधन नहीं, आलाकमान का निर्देश देखते हैं : राजा पीटर
जदयू कोटे से सरकार में मंत्री पद संभाल रहे राजा पीटर ने प्रणब मुखर्जी के पक्ष में मतदान के बाद कहा कि गठबंधन का क्या होगा यह देखना हाईकमान का काम है। वह पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं। उन्हें जो निर्देश दिया गया था, उस पर उन्होंने अम किया।

कोड़ा-दंपती एक साथ मतदान केंद्र पहुंचे
जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री सह सांसद मधु कोड़ा कैदी वाहन से 11.50 बजे विधानसभा पहुंचे। उनकी पत्नी निर्दलीय विधायक गीता कोड़ा पहले से मधु कोड़ा का इंतजार कर रही थीं। दोनों ने विधानसभा के अंदर बातचीत की, फिर 1.15 बजे साथ-साथ बाहर आए और वोटिंग की।
सुरक्षा काथा पुख्ता इंतजाम
राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर विधानसभा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। विधायक और सांसद के अलावा सिर्फ पासधारी लोगों को परिसर के अंदर जाने की इजाजत दी गई थी। मतदान केंद्र के आसपास बैरिकेडिंग कर पर्याप्त संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। डीसी विनय चौबे, एसएसपी साकेत कुमार सिंह, सिटी एसपी विपुल शुक्ला सहित पुलिस प्रशासन के कई अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे थे।
जेल से आए चार विधायक
मतदान करने के लिए जेल से चार विधायक आए। इनमें एनोस एक्का, हरिनारायण राय, सावना लकड़ा और सत्येंद्र नाथ तिवारी शामिल हैं। खुले आसमान के नीचे इन्होंने राज्य के अन्य पार्टी के विधायकों से बातचीत की। उसके बाद मतदान में हिस्सा लिया। दूसरे पहर सभी को पुन: जेल ले जाया गया।
झामुमो-आजसू ने दिखाई एकजुटता
झामुमो और आजसू के विधायकों ने एकजुटता दिखाई। झामुमो के विधायक एक-एक कर विधानसभा पहुंच रहे थे। 12.25 बजे दल के नेता सह डिप्टी सीएम हेमंत सोरेन के आते ही सभी विधायकों ने विचार-विमर्श किया, फिर कतारबद्ध होकर मतदान किया। आजसू के सभी छह विधायक सुदेश महतो की अगुवाई में दोपहर 1.45 बजे विधानसभा पहुंचे और मतदान में हिस्सा लिया। कांग्रेस, भाजपा एवं अन्य दलों के विधायक बारी-बारी से वोट करते रहे। स्पीकर सीपी सिंह ने 1.05 बजे वोट डाला।

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