Thursday, July 5, 2012

खदान की हर बूंद का होगा उपयोग

धनबाद : अब बीसीसीएल की भूमिगत खदानों से निकलने वाले पानी के एक-एक बूंद पानी का सदुपयोग किया जाएगा। उसे यूं ही बेकार बहने नहीं दिया जाएगा। इसे मूर्त रूप देने के लिए जल्द ही योजना का ब्लूप्रिंट तैयार होगा। यह निर्णय बुधवार को कोयला भवन में सीएमडी टीके लाहिड़ी की अध्यक्षता में हुई जीएम कोऑर्डिनेशन की बैठक में लिया गया। सभी क्ष्ेात्रों से इस माह के अंत तक संबंधित योजना भेजने को कहा गया है। कंपनी के तकनीकी निदेशक(ऑपरेशन) ने डीसी झा यह जानकारी दी। बैठक में कार्मिक निदेशक पीइ कच्छप, डीटी ए सरकार, डीएफ ए साहा समेत विभागों के प्रमुख व सभी क्षेत्रों के महाप्रबंधक उपस्थित थे। मालूम हो कि भूमिगत खदानों में कोयला उत्पादन के लिए रोजाना बड़ी मात्रा में पानी निकाला जाता है। यह पानी नालों-जोडि़यों के जरिए दामोदर में मिल जाता है। 12 करोड़ रुपये की लागत से एरिया एक, दो व तीन के ऐसे पानी का एक जलाशय में जमा करने की योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसका पीने के साथ खेती के काम में उपयोग होगा। अभी कंपनी की सभी भूगिगत के पानी के सदुपयोग के लिए पहल शुरू हुई है। बैठक में हुई अन्य चर्चा के बारे में डीटी ने बताया कि आने वाले दिनों में भारी मानसूनी बारिश की भविष्यवाणी को देखते हुइ इससे खतरे से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम करने को कहा गया है। कंपनी अभी भूमिगत उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 17 फीसदी पीछे है। विभागीय ओसीपी से उत्पादन में भी कुछ पीछे है। सभी महाप्रबंधको को आनेवाले समय में इसे मेकअप करते हुए उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। कंपनी में खुलने वाली मेगा भूमिगत व ओसीपी खदानों में तेजी लाने पर जोर दिया गया। वहीं डिस्पैच भी बढ़ाने को कहा गया है। सौ फीसद कोयले को क्रश करने को कहा गया है। इस संबंध में सभी क्षेत्रों से समयबद्ध कार्यक्रम मांगा गया है। वहीं कार्मिक निदेशक पीइ कच्छप ने बताया कि बैठक में डाटा इंट्री ऑपरेटर, रिक्त वैधानिक व पारा मेडिकल स्टाफ पदों पर विभागीय व बाहरी अभ्यर्थियों से भर्ती पर चर्चा हुई। इस संबंध में जल्द ही कदम उठाया जाएगा।

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