Wednesday, July 25, 2012

असम में हिंसा बेकाबू

कोकराझाड़ : असम में सांप्रदायिक हिंसा की आग फैलती जा रही है। मंगलवार को कोकराझाड़ में हिंसा पर उतारू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें चार लोग मारे गए। वहां पर कफ्र्यू लगाने के साथ ही प्रशासन ने देखते ही गोली मारने का आदेश सुरक्षा बलों को दे दिया है। बोडो और अल्पसंख्यक समुदाय की ताजा झड़पों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 32 हो गई है। कोकराझाड़ से शुरू हुई हिंसा पड़ोसी जिले धुबड़ी से होते हुए मंगलवार को चिरांग और सोणितपुर जिलों में भी फैल गई। बोंगईगांव और उदालगुड़ी जिलों में भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। बांग्लादेश सीमा के नजदीक बनी अशांत स्थिति पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने चिंता जतायी है और उससे कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है। ताजा घटनाक्रम में चिरांग जिले के चार गांवों में 70 घरों को फूंक दिया गया। हिंसा के गांवों तक फैल जाने के कारण बड़े पैमाने पर लोगों का पलायन हो रहा है। 50 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों की शरण ले चुके हैं, करीब इतने ही लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। हिंसा रोकने के प्रशासन के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। सर्वाधिक प्रभावित कोकराझाड़ जिले में सेना तैनात कर दी गई है और वहां जारी कफ्र्यू के दौरान देखते ही गोली मारने के आदेश हैं। धुबड़ी और चिरांग जिलों में रात का कफ्र्यू लगाया गया है। बोडो लोगों की रिहायश वाले राज्य के आठ जिलों में तनाव का माहौल है। हालात से निपटने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से अ‌र्द्धसैनिक बलों की 50 और कंपनियां मांगी हैं। कोकराझाड़ के गोसाईगांव से गुजर रही गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस पर पथराव में चार कोचों को नुकसान पहुंचा। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से हिंसा को काबू करने के लिए हर संभव उपाय प्रयोग में लाने का निर्देश दिया है। हिंसा की शुरुआत गुरुवार को कोकराझाड़ में दो छात्र नेताओं की गोली मारकर हत्या से हुई थी। अगले दिन चार पूर्व बोडो आतंकियों के मारे जाने से हिंसा भड़क उठी। 30 हजार रेलयात्री फंसे : हिंसाग्रस्त क्षेत्र में रेल यातायात में पड़े व्यवधान पर मंगलवार को रेल मंत्री मुकुल रॉय ने गृह मंत्री पी चिदंबरम और असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से फोन पर बात कर रेलयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। असम में 37 ट्रेनों में करीब 30 हजार यात्री असुरक्षित और अभावों के हालात में बीच रास्ते में फंसे हैं। 26 ट्रेनें रद करनी पड़ी हैं। रास्ते में फंसी व विलंबित ट्रेनों में डिब्रूगढ़ कामरूप एक्सप्रेस, गुवाहाटी गरीब रथ, नई दिल्ली-डिब्रूगढ़ राजधानी, नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस, कामाख्या एक्सप्रेस, अवध असम एक्सप्रेस, सिकंदराबाद-गुवाहाटी एक्सप्रेस, गया एक्सप्रेस, गुवाहाटी-बेंगलूर एक्सप्रेस, डिब्रूगढ़-दिल्ली ब्रंापुत्र मेल, गुवाहाटी-हावड़ा सरायघाट एक्सप्रेस तथा गुवाहाटी-जम्मू तवी एक्सप्रेस हैं।

No comments:

Post a Comment

<iframe style="width:120px;height:240px;" marginwidth="0" marginheight="0" scrolling="no" frameb...