Wednesday, July 25, 2012

चमका मैथन, देश रोशन

मैथन : मैथन मेगा पावर प्रोजेक्ट की 525 मेगावाट की दूसरी इकाई में व्यावसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। इसके साथ ही देश की पहली ग्रीन फील्ड पावर प्रोजेक्ट 1050 मेगावाट की मैथन मेगा पावर प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा हो गया है। इसकी 525 मेगावाट की पहली इकाई में सितंबर 2011 में बिजली का व्यावसायिक उत्पादन शुरू हुआ था। पांच हजार करोड़ की लागत से तैयार मैथन मेगा पावर प्रोजेक्ट, टाटा पावर और डीवीसी का संयुक्त उपक्रम है। इसके संचालन को मैथन पावर लिमिटेड का गठन किया गया है जिसमें टाटा पावर की 74 और डीवीसी की 26 फीसदी पूंजी हिस्सेदारी है। इसका प्रबंधन टाटा पावर के हाथों में है। मैथन मेगा पावर प्रोजेक्ट की पहली इकाई के बाद दूसरी इकाई के चालू होने में विलंब के लिए कोयला परिवहन में परेशानी और विभिन्न कोयला कंपनियों से साथ कोयला क्रय समझौता में विलंब को जिम्मेवार ठहराया गया है। दूसरी इकाई चालू होने पर टाटा पावर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी कर खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश में पब्लिक और निजी साझेदारी की सफलता की कहानी है। इसके लिए डीवीसी, झारखंड सरकार और वैसे तमाम लोग बधाई के पात्र हैं जिन्होंने परियोजना निर्माण में सहयोग किया है। एमपीएल के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी भास्कर सरकार ने कहा कि दूसरी इकाई का चालू होना मील का पत्थर है। इस दौरान कोयला एवं परिवहन को लेकर जो भी परेशानियां आई उसे कर्मचारियों, व्यापारियों व सहयोगियों के संयुक्त प्रयास से सुलझाया गया। टाटा पावर मैथन के स्टेशन हेड सब्यसांची मुखर्जी ने कहा कि परियोजना निर्माण युवा एवं क्षमतावान अभियंताओं की मेहनत का परिणाम है। टाटा पावर झारखंड को उत्पादित बिजली का 25 प्रतिशत देने पर सहमत है। इस परियोजना की उत्पादित बिजली पावर ग्रिड के माध्यम से दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों में आपूर्ति की जा रही है। 17 वर्ग किमी में फैलाव : मैथन पावर लिमिटेड 17 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह 1100 एकड़ जमीन पर है। इस जमीन पर चार पावर प्लांट बैठाए जा सकते हैं। टाटा पावर ने विस्तार योजना भी बना रखी है।

No comments:

Post a Comment

<iframe style="width:120px;height:240px;" marginwidth="0" marginheight="0" scrolling="no" frameb...