
धनबाद : अरे! आज हड़ताल है भाई। क्यों चले आए? कल आना। कल ही इलाज हो सकेगा। एक दिन दिक्कत बर्दाश्त कर लो, कल ठीक कर लेंगे। आज हम कुछ करने की स्थिति में नहीं है। ज्यादा गंभीर मामला है तो बताओ वरना जाओ। मरीज को सामने देखकर प्राइवेट प्रैक्टिस करनेवाले अधिकतर डॉक्टरों के मुंह से सोमवार को यही बोल निकल रहे थे। सोमवार को देशभर के चिकित्सकों के साथ धनबाद के डॉक्टर भी हड़ताल पर रहे। जिन मरीजों को इसकी जानकारी नहीं थी वो अनजाने में पहुंच गए डॉक्टर साहब के पास लेकिन आज तो मजबूरी थी। डॉक्टर साहब इलाज नहीं कर सकते थे। सो मरीजों को प्यार से समझाकर कल आने को कह दिया गया। वैसे मरीज जो चिकित्सक के कहने पर मर्ज को एक दिन और झेल सकते थे वो तो आसानी से चले गए पर कई इलाज कराने का दबाव बनाते रहे। हड़ताल के दौरान कैसा था धनबाद शहर में चिकित्सकीय सेवा का हाल, जागरण ने की पड़ताल।
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