Tuesday, June 19, 2012

यह कहानी है ब्रिटिश ट्रेन लुटेरों की

निर्देशक अनुराग कश्यप ने जागरण को बतायी फिल्म की कहानी किसी की भावना के साथ नहीं हुआ है खिलवाड़ : अनुराग

आशीष सिंह, धनबाद गैंग्स आफ वासेपुर की कहानी और नाम को लेकर मचे बवाल पर पहली बार फिल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप ने बातचीत की। जागरण से फोन पर बातचीत के दौरान उन्होंने फिल्म की पूरी कहानी बतायी। बताया कि फिल्म में वासेपुर की कहानी में जिन लोगों के किरदार नकारात्मक हैं, उनके नाम बदल दिए गए हैं। वहीं जिन लोगों ने वासेपुर और धनबाद को सकारात्मक ऊर्जा दी है उनके नाम भी असली हैं। कुल मिलाकर यह फिल्म बदले की भावना में जलते लोगों और धनबाद के गर्भ में मौजूद अकूत संपत्ति (कोयला) के विवाद से जुड़ा है। फिल्म के विवाद पर अनुराग कहते हैं कि किसी की भी भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया गया है। फिल्म देखने के बाद ही लोग इस बात को समझ पाएंगे। यह है फिल्म की कहानी : कहानी उस समय से शुरू होती है जब भारत में ब्रिटिश सरकार अपनी आखिरी सांसे गिन रही थीं। शाहिद खान लुटेरा है जो ब्रिटिश ट्रेनों को लूटता है। बाद में वह रामधीर सिंह के कोयला खान में मजदूरी करने लगता है। लेकिन उसकी पुश्तैनी दुश्मनी उसके साथ चलती रहती है। अपने दुश्मनों से वह बदला लेना चाहता है। फिल्म बढ़ने के साथ दुश्मनी को शाहिद का बेटा सरदार खान आगे लेकर चलता है। सरदार खान अपने पिता के अपमान का बदला लेने की कसम खाता है और वासेपुर का दबंग बन जाता है।

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