Thursday, June 28, 2012

पूर्व एमवीआइ बरी

शशिभूषण, धनबाद लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के मामले में नामजद आरोपी धनबाद के तत्कालीन मोटर यान निरीक्षक सुनील प्रकाश तिवारी बरी कर दिए गए। मंगलवार को संजीव झा की अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया। 12 साल के लंबे इंतजार के बाद फैसला आया। बता दें कि हजारों मील दूर बैठे देश के आतंकी संगठन लिट्टे के प्रमुख प्रभाकरण का ड्राइविंग लाइसेंस धनबाद में बना था। मामले का खुलासा होने पर यह खबर देश-दुनिया की सुर्खियां बनीं। इस मामले में परिवहन विभाग की ओर तीन नामजद तथा एक अप्राथमिक अभियुक्त बनाए गए थे। पूरा मामला अब आइने की तरफ साफ होने लगा है। सीबीआइ ने 3 मई 2001 को ही इस मामले में आरोपी को क्लीन चिट दे दी थी। इसका पत्रांक संख्या 1247 है। क्या था मामला : वर्ष 1993 में लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण का ड्राइविंग लाइसेंस धनबाद परिवहन विभाग में बना था। 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में लिट्टे का नाम आया तो प्रभाकरण के लाइसेंस का मामला भी उजागर हुआ। परिवहन विभाग के एमवीआइ सुनील प्रकाश तिवारी, डीटीओ कार्यालय के लिपिक रामदहीन सिंह व उमेश चंद्र झा को कांड संख्या 487 के तहत नामजद बनाया गया और 7 अगस्त 1999 को मामला दर्ज किया गया। डीटीओ रामजी प्रसाद को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया था जो फिलहाल फरार बताए जाते हैं। जेल में लिपिक उमेश चंद्र झा की मौत मस्तिक आघात से हो गई। एमवीआइ सुनील प्रकाश तिवारी सेवानिवृत्त हो चुके है।

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