Friday, June 29, 2012

अटक गया टीच फॉर झारखंड

धनबाद प्रदेश में कोई भी असाक्षर न रहे, इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ी शान से टीच फॉर झारखण्ड नामक योजना शुरू की थी। लेकिन एक वर्ष बीतने के बावजूद यह योजना एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी। इसके संचालन की कमान सर्वशिक्षा अभियान, साक्षरता वाहिनी और राष्ट्रीय सेवा योजना को सौंपी गयी थी। क्या है टीच फॉर झारखण्ड : इस योजना के तहत 15 से 100 आयुवर्ग के उन ग्रामीण लोगों को शिक्षा देना है जो अब तक शिक्षित नहीं बन पाए हैं। लोगों को शिक्षा देने का काम एनएसएस सदस्यों को करना है। कार्यान्वयन में ठोस कदम नहीं : टीच फॉर झारखण्ड योजना को लेकर जिला शिक्षा अधीक्षक और साक्षरता वाहिनी की सिर्फ एक बार बैठक हुई है। साल बीतने के बाद भी इसपर ठोस निर्णय नहीं लिया जा सका। साक्षरता वाहिनी और एनएसएस भी प्रभावी नहीं : केन्द्रीय युवा एवं खेल मंत्रालय संचालित एनएसएस इस योजना को मूर्त रूप देने में सफल नहीं हो सका। यही हाल साक्षरता वाहिनी का भी रहा। योजना क्रियान्वयन को लेकर साक्षरता वाहिनी ने पंचायत स्तरीय समिति तो बनाई, परंतु ठोस पहल नहीं हो सकी। एक साल में मिलीं सिर्फ पांच हजार किताबें : साक्षरता वाहिनी के मुताबिक जिन पुस्तकों के माध्यम से लोगों को शिक्षित बनाना था, आज तक नहीं मिली हैं। साक्षरता वाहिनी के उपाध्यक्ष डा. काशीनाथ चटर्जी की मानें तो जिले में 1.70 लाख किताबों की आवश्यकता थी, लेकिन सिर्फ पांच हजार पुस्तकें भेजी गई।

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