Thursday, June 28, 2012

ECONOMICS

विकास की रफ्तार बढ़ाने को पीएम ने संभाली कमान

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय का कामकाज संभालने के पहले ही दिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अधिकारियों को देश में निवेश का माहौल तैयार करने की दिशा में कदम उठाने का फरमान सुना दिया है। प्रधानमंत्री का कहना है कि विदेशी निवेश के साथ विदेश से संस्थागत निवेश को आकर्षित करने के प्रयासों में तेजी लाना जरूरी है। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने हर मुमकिन कदम उठाने को कहा है। संकेत हैं कि प्रधानमंत्री जल्द ही आर्थिक सुधार बढ़ाने के उपायों की घोषणा करेंगे। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बने प्रणब मुखर्जी के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री ने बुधवार को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। पहले ही दिन प्रधानमंत्री ने आर्थिक विकास की रफ्तार को तेज करने की दिशा में कई बैठकें कीं। वित्त मंत्रालय के आला अधिकारियों के साथ हुई अपनी पहली ही बैठक में प्रधानमंत्री ने साफ कर दिया है कि अर्थव्यवस्था की सुस्त छवि को दूर करने के लिए तेजी से कदम उठाने की जरूरत है। देर शाम हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री ने सभी अधिकारियों से संभावित सुधारों की सूची तैयार कर उस पर काम शुरू करने को कहा है। प्रधानमंत्री का मानना है कि आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंकनी होगी। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हुई बैठक से पहले दिन में प्रधानमंत्री ने अपनी आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के साथ अलग-अलग बैठक की। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने दोनों के साथ संभावित आर्थिक सुधारों की गति बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्रालय की बागडोर ऐसे समय में संभाली है जब आर्थिक विकास की तिमाही दर नौ साल के न्यूनतम स्तर पर है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की साख घट रही है। विदेशी निवेश की रफ्तार कम हुई है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार घट रही है। राजकोषीय घाटे के साथ चालू खाते का घाटा काफी बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों की तरफ से साख घटाने जैसे कदमों ने आर्थिक सुधारों की रफ्तार बढ़ाने का दबाव बनाया है।

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