मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में पॉलीथिन वेस्ट से सड़क बनाने की घोषणा की। सरकार पॉलीथिन वेस्ट से निपटने के लिए यह प्रयोग करने वाली है लेकिन धनबाद और बोकारो में यह प्रयोग काफी पहले ही हो चुका है।
धनबाद नगर निगम ने छह माह पहले पहली बार सड़क निर्माण में पॉलीथिन वेस्ट का इस्तेमाल किया था। बरटांड़ बस स्टैंड में 500 फीट की सड़क में पॉलीथिन का इस्तेमाल किया गया। सड़क निर्माण पर दस लाख रुपए खर्च आए हैं। अलकतरा के साथ पॉलीथिन से सड़क का निर्माण किया गया। धनबाद से पहले ऐसी सड़क चास और जमशेदपुर में बन चुकी है। चास में आईआईटी धनबाद के छात्रों की संस्था टोवेसो ने इसका निर्माण किया जबकि जमशेदपुर में जुस्को ने ऐसी सड़क बनाई है। इस विधि से निर्मित सड़क पर बारिश के पानी का असर नहीं पड़ता। हॉटमिक्स प्लांट में बिटुमिन (अलकतरा) के साथ पॉलीथिन मिलाया जाता है। इसके बाद उसे करीब 100 डिग्री पर गर्म किया जाता है। इस विधि से निर्मित सड़क की लागत में 4-6 प्रतिशत की बचत की जा रही है। किसी भी शहर के लिए अभी पॉलीथिन का डिस्पोजल बड़ी चुनौती है। सड़क निर्माण में पॉलीथिन का इस्तेमाल कर उसके डिस्पोजल का एक बेहतर विकल्प मिल सकता है।
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