धनबाद : झरिया कोयला क्षेत्र में सीबीएम (कोल बेड मीथेन) दोहन के प्रोजेक्ट पर जल्द काम शुरू होगा. इसके लिए 368 करोड़ के सीबीएम प्रोजेक्ट को बीसीसीएल बोर्ड ने अपनी मंजूरी दे दी है. सीएमपीडीआइ को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (पीएमसी) नियुक्त किया गया है, जिसे जल्द ही सारी तकनीकी प्रक्रिया को पूर्ण कर टेंडर निकालने का जिम्मा सौंपा गया है.
बोर्ड ने कुसुंडा एरिया की एेना परियोजना के माइन प्लान और क्लोजर प्लान को भी मंजूरी दी है. साथ ही मुनीडीह वाशरी में कोयला आपूर्ति के लिए 6 करोड़ के ट्रांसपोर्टिंग कार्य को भी मंजूरी दे दी है.
कनकनी-सी पैच को मंजूरी : बीसीसीएल बोर्ड ने कनकनी कोलियरी के सी-पैच के 87 करोड़ के कार्य को मंजूरी दे दी, जहां से 18 माह में छह लाख टन कोयला उत्पादन होगा. वहीं इजे एरिया में परियोजना विस्तारीकरण के लिए जमीन खरीदारी का निर्णय लिया गया है. बीसीसीएल बोर्ड मीटिंग में छाया रहा क्वालिटी का मुद्दा बीसीसीएल बोर्ड की बैठक गुरुवार को सीएमडी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में कोयला भवन स्थित सभागार में हुई. मीटिंग में सदस्यों ने कोयले की खराब क्वालिटी पर चिंता व्यक्त की. कहा कि गत वर्ष कोयले की खराब क्वालिटी के कारण कंपनी को 1300 करोड़ का नुकसान हो चुका है, जबकि चालू वर्ष के दो माह में (अप्रैल व मई) कंपनी को 250 करोड़ का नुकसान हुआ है.
ऐसे में क्वालिटी में जल्द सुधार करना होगा. साथ ही खराब क्वालिटी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर आवश्यक कार्रवाई करनी होगी. बैठक में डीटी (परिचालन) देवल गंगोपाध्याय, निदेशक (वित्त) केएस राजशेखर, डीटी (योजना व परियोजना) एनके त्रिपाठी, निदेशक (कार्मिक) आरएस महापात्रा के अलावा स्वतंत्र निदेशक हरि सिंह यादव, अशोक कुमार लोमास, विष्णु प्रसाद दास व अन्य सदस्य उपस्थित थे.
दो महीने में 250 करोड़ का नुकसान
पावर व स्टील कंपनियों को बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों से डिस्पैच होने वाले कोयले की क्वालिटी में अप्रैल माह में 80.67 फीसदी व मई माह में 84.76 फीसदी स्लिपेज (गिरावट ) आयी है. औसतन अप्रैल में 19.33 फीसदी व मई माह में 15.24 फीसदी कोयला ही ग्रेड टू ग्रेड डिस्पैच हुआ है.
इस कारण बीसीसीएल को दो माह में करीब 250 करोड़ रुपये का नुकसान होने की बात कही जा रही है. वहीं खराब कोयले की सप्लाइ के कारण कई कंपनियों ने पेमेंट रोक दिया है. वहीं कई कंपनियां जिस ग्रेड का कोयला डिस्पैच हुआ है उसका ही भुगतान कर रही हैं.
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