Wednesday, July 25, 2012

आमाघाटा ट्रांसफार्मर ब्लास्ट में फंसे जेएसईबी चेयरमैन

रांची/धनबाद : धनबाद के आमाघाटा सब स्टेशन में कुछ माह पूर्व एक पावर ट्रांसफार्मर ब्लास्ट हो गया था। इसने झारखंड राज्य बिजली बोर्ड (जेएसईबी) में बड़े घोटाले की पोल खोल दी है। इस ट्रांसफार्मर के ब्लास्ट होने से आमाघाटा सब स्टेशन से जुड़े उपभोक्ताओं को करीब 15 दिन तक जबरदस्त बिजली संकट झेलना पड़ा था। साथ ही सब स्टेशन भी बर्बाद हो गया था। ट्रांसफार्मर घोटाला 16 करोड़ 33 लाख रुपये का है। मंगलवार को सीबीआइ टीम ने रांची में दो और गाजियाबाद में एक स्थान पर छापेमारी की। सीबीआइ सूत्रों के अनुसार घोटाले में जेएसईबी चेयरमैन एसएन वर्मा व चीफ इंजीनियर (परचेज) सियावर सिंह की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। छापेमारी सियावर सिंह के हिनू स्थित अपार्टमेंट, जेएसईबी स्थित दफ्तर और ईस्ट इंडिया उद्योग कंपनी कार्यालय, गाजियाबाद में हुई। तीनों स्थानों से सीबीआइ ने अहम दस्तावेज बरामद किए। दोनों अधिकारियों के कारण ही ईस्ट इंडिया कंपनी को ट्रांसफार्मर सप्लाई का ठेका दिया गया था। ट्रांसफार्मर सप्लाई को ले जून 2011 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने निविदा डाली थी। इससे पूर्व विद्युत बोर्ड की सेंट्रल परचेज कमेटी ने कंपनी के झारखंड में व्यापार पर रोक लगा रखी थी। जुलाई 2011 में जब टेंडर फाइनल करने की बारी आई तो चुपके से सेंट्रल परचेज कमेटी ने रोक हटा दी और ट्रांसफार्मर सप्लाई का जिम्मा कंपनी को दे दिया गया। कंपनी ने 16 करोड़ 33 लाख के 10 एमवीए के 19 और 5 एमवीए के 44 ट्रांसफार्मर की सप्लाई की। इसी में से एक ट्रांसफार्मर आमाघाटा सब स्टेशन में लगा था। ईस्ट इंडिया कंपनी को मध्यप्रदेश व पंजाब सरकार ने पहले से ही काली सूची में डाला हुआ है। क्या हुई बरामदगी : सियावर सिंह के घर से विभिन्न बैंकों के पासबुक। दफ्तर से ट्रांसफार्मर घोटाले से जुड़े अहम कागजात। गजियाबाद स्थित ईस्ट इंडिया कंपनी के दफ्तर से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज।

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